मंगलवार, 26 जनवरी 2016

swami vivekanand`s thought in hindi

                
       स्वामी विवेकानन्द के अनमोल विचार


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  • उठो जागो और लक्ष्य तक पहुंचे बिना मत रुको । 
  • बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी । 
  • एक अच्छे चरित्र का निर्माण हजारो बार ठोकर खाने के बाद होता है । 
  • संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है,असंभव से भी आगे निकल जाओ।
  • सभी सकती तुम्हारे भीतर है,आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते है। 
  • जो तुम्हारी मदद करे उसे कभी मत भूलो, जो आपसे प्यार करे उससे कभी नफरत मत करो, जो आप पर विश्वाश करे उसे कभी धोखा मत दो । 
  • एक बार एक व्यक्ति ने स्वामी जी से पूछा--"सुब कुछ खो देने से बुरा क्या है"। स्वामी जी ने कहा--"वाह उम्मीद खोना जिसके भरोसे हम सब कुछ वापस पा सकते है।" 
  • शक्ति ही जीवन है,कमजोरी ही मृत्यु है।आप क्या सोचते है आप वही होंगे । यदि आप आपने को कमजोर समझते है तो आप कमजोर बाने रहेंगे। यदि आप आपने को शक्तिमान समझते है तो आप शक्तिमान बने रहेंगे।
  • ब्राह्माण की सारी शक्तियां पहले से ही हमारी है,वह हमी है जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते है और फिर रोते है कि कितना अँधेरा है । 
  • हम वो है हमे हमारी सोच ने बनाया है,इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते है शब्द गोंड है विचार रहते है वो दूर तक यात्रा करते है ।
  • यदि आप भगवान पर विशवास नहीं कर सकते तो अपने आप पर विश्वास करे । 
  • किसी एक विचार को अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ,कुविचारों त्यागकर केवल उसी के बारे में सोचो पाओगे की सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी । 
  • दिन में एकबार भी अगर कोई समस्या नहीं आती तो समझलो की तुम गलत रास्ते पर हो । 
  • सभी कमजोरी सभी बंधन मात्र एक कल्पना है,कमजोर न पड़े,मजबूती के साथ खड़े हो जाओ शक्तिशाली बानो,आपके भीतर अनंत शक्ति है । 
  • जिस समय जिस काम की प्रतिज्ञा करो,ठीक उसी समय पर उसे करना चाहिए नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है ।      
  • विश्व एक व्यायामशाला है, जहा हम खुद को मजबूत बनाने आते है । 
  • दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है,आपने स्वभाव अपने आप के प्रति सच्चे रहना। 
  • ज़िन्दगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है,स्वयं बनाना पड़ता है। जिसने जैसा मार्ग बनाया उसे वैसी मंजिल मिलती है । 
  • आधुनिक भौतिक विज्ञानं उन्ही निष्कर्षो तक पंहुचा है, जिन तक भारतीय वेदांत युगो पहले पहुंच चूका है । 
  • मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता खुद है । 
                                                                                              धन्यवाद 

सोमवार, 25 जनवरी 2016

THE MANGO TREE a story "in hindi"

                                       
                                                             आम का पेड 

एक समय की बात है एक बहुत बड़ा आम का पेड था । एक छोटा बच्चा हर रोज आकर उस पेड के साथ खेलता कभी उस पेड पर चढ़ जाता और आम खाने लगता  तो कभी थक कर उस पेड की छाया में बैठ जाता उस बच्चे को खुश देख  पेड भी बहुत खुश होता था । समय बीतता गया और बच्चा बड़ा हो गया और वह पेड के साथ खेलना काम कर दिया । एक वह लड़का बहुत दुखी चेहरा लेकर उस पेड के पास पंहुचा और 
पेड ने कहा--"आओ और मेरे  साथ खेलो ।" 
लड़के ने कहा --"अब मै बच्चा नहीं रहा अब मै इस पेड के चारो ओर नहीं खेल सकता अब मुझे खिलौना चाहिए और उन्हें खरीदने के मुझे पैसे की जरूरत है । "
पेड ने कहा --माफ़ करना मेरे पास पैसे तो नहीं है लेकिन तुम मेरे सारे आम तोड़ लो और इसे बेच दो तब तुम्हारे पास पैसे हो जाँएंगे । 
लड़का बहुत ही खुश हुआ और सारे आम तोड़े और खुश होकर चल दिया । लड़का बहुत दिनों तक वापस नहीं आया तो पेड बहुत दुखी हो गया । लड़का अब बड़ा हो गया वह एक आदमी बन चूका था।  एक दिन वह वापस उस पेड के पास पंहुचा पेड बहुत खुश हुआ और 
पेड बोला --"आओ और मेरे साथ खेलो"। 
लड़के ने कहा --मेरे पास खेलने के लिए समय नहीं है मुझे अपने परिवार के लिए काम करना है और हमे घर की जरूरत है।  क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो ?
पेड ने कहा --माफ़ करना मेरे पास घर नहीं है पर तुम चाहो तो मेरी शाखाएं काट कर अपना घर बनवा सकते हो लड़का खुश हो गया और उसने पेड की साडी शाखाएं काटी और ख़ुशी -ख़ुशी चला गया उसे खुश देख पेड भी बहुत खुश हुआ । बहुत समय तक लड़का वापस नहीं आया तो पेड फिर से दुखी हो गया। गर्मी के मौसम मे वह फिर वापस आया और पेड खुश हो गया। और पेड ने कहा-- "आओ और मेरे साथ खेलो "। 
लड़के ने कहा--अब मै बहुत थक चूका हु और आराम करने के लिए  नाव की सवारी करना चाहता हु।  क्या तुम मुझे एक नाव दे सकते हो ?
पेड ने कहा मेरा तना काट लो और अपनी नाव बना लो  खुश रहो। और उस लड़के ने तना काटा और नाव तैयार की और फिर चल दिया । बहुत समय तक वह वपास नहीं आया । 
अंत में कई साल बीत जाने के बाद वह लड़का वापस उस पेड के पास पंहुचा। पेड दुखी हो कर कहा माफ़ करना अब मेरे पास तुम्हे देने के लिए और कुछ नहीं है। 
पेड़ ने  कहा--अब मैं तुम्हे और आम नहीं  दे सकता  ।
लड़के ने कहा-- मेरे पास दांत नहीं है। 
पेड ने कहा --अब तन भी नहीं चढ़ने के लिए । 
लड़के ने कहा --अब मै बहुत बुढा हो चूका हु । 
पेड ने कहा सच में मै अब तुम्हे कुछ नहीं दे सकता और पेड ने बहुत ही दुःख के साथ कहा  कि यदि तुम्हे जरूरत है तो तुम मेरे जड़ को निकाल कर ले जा सकते हो । लड़के ने कहा अब मुझे किसी चीज की जरूरत नहीं है अब मै आराम करने के लिए  जगह चाहता हु । मै इन बीते सालो में बहुत थक चूका हु और आराम करने के लिए पुराने पेड की जड़ से अच्छी जगह और नहीं । यह सुन पेड ने कहा --आओ और बैठ कर आराम करो मेरे साथ । 
लड़का बैठ गया और पेड बहुत ही खुश हुआ । 

                                                                                                              धन्यवाद 

शनिवार, 23 जनवरी 2016

the black dot motivational story in hindi

         
                                   The black dot a motivational story


 
एक दिन एक अध्यापक अपनी कच्छा में जाते है और विद्यार्थियो से पूछते है क्या आप लोग exam के लिए तैयार है विद्यार्थियों ने हा कहा और अपनी डेस्क पर exam आरम्भ होने का इंतजार करने लगे अध्यापक ने उन्हे प्रश्न दिया और सभी के ध्यान अपनी कॉपी पर थे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कुछ देर अध्यापक ने कहा आप का समय समाप्त हो गया सभी विद्यार्थी surprised हो गये क्योकि उनके पास कोई प्रश्न नहीं था कॉपी के बीच में केवल एक काला बिंदु था । अध्यापक ने सभी के चेहरे के भाव देखे और तब बोले कि मै चाहता हु कि तुम सब उस बारे में लिखो जो तुम्हे यहाँ दिखाई दे रहा है । सभी विद्यार्थी confused क्योकि उन्हें लगता है कि यह एक अविस्तृत कार्य है और exam समाप्त होने के बाद अध्यापक ने सभी के कॉपी लिए और उनके उत्तर देख थे और प्रत्येक विद्यार्थी की कॉपी को  विद्यार्थियों के सामने जोर से पढ़ भी थे उनमे से किसी के पास या किसी ने भी  उस  blak dot जो कॉपी के मध्य बनी थी उसका विस्तार या उसको हल करने के बारे में भी किसी ने नहीं सोचा सभी विद्यार्थियों की कॉपी जब अध्यापक पढ़ चुके तो पुरी कच्छा एकदम शान्त बैठी थी । थोड़ी देर के बाद अध्यापक ने इस  blak dot को विस्तृत करना प्रारम्भ किया उन्होंने कहा मै ये नहीं चाहता कि तुम बहुत अच्छा करो लेकिन मै इतना चाहता हु कि तुम इस बारे में क्या कुछ सोचते हो तुम लोगो ने सिर्फ और सिर्फ blak dot के बारे में सोचा और अपना पुरा focus उस पर ही किया किसी ने भी white paper के बारे में  नहीं सोचा  किसी ने नही white paper के बारे में कुछ नहीं लिखा A इसी प्रकार हम अपने जीवन में किसी काम पे केंद्रित होते है तो हम उसे पूरा करने में लग जाते है चाहे वह कितना ही मुश्किल क्यों ना हो यह नहीं सोचते की इस काम को करने के और आसान तरीके हो सकते है।                                            
                                                  /kU;okn

  

शुक्रवार, 22 जनवरी 2016

26 जनवरी about 26 january in hindi

                     
                      
                     २६ जनवरी  (गणतंत्र दिवस )







जिस दिन भारत पूर्णतया गणतंत्र घोषित किया गया और जिस दिन देश में संविधान लागू  हुआ वह दिन था  26 जनवरी 1950  इसी दिन सूर्योदय के साथ भारत की राजधानी दिल्ली में भारतीय गणराज्य के रूप में नवीन युग का उदय हुआ । गणतंत्र का अर्थ है -समूह के द्वारा संचालित शासन व्यस्था । गणतंत्र दिवस (republic day of india) विशेष महत्व रखता है। भारत ने अपने देश में राजतंत्र के बजाये गणतन्त्र लागू किया । इस दिन प ० जवाहर लाल नेहरू ने 1929 ई ० लाहौर में रावी नदी के तट पर रात्रि में एक बजे कांग्रेस अधिवेशन में  कहा था कि -'आज से हम स्वतंत्र है और देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए हम अपने प्राणो को स्वतंत्रता की बलिवेदी पर होम कर देंगे '। इसी दिन 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। भारतीय संविधान बनने में कुल 2  वर्ष 11 महीने 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान 1949  ई०  में बन कर तैयार हुआ इसे तैयार करने में डॉ भीमराव अम्बेडकर ने विशेष योगदान दिया इसी कारण उन्हें संविधान का निर्माता भी कहा गया।

इतिहास --

प ० जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेसन दिसम्बर 1929 ई० में हुआ और यह घोषणा  की गयी कि यदि ब्रिटिश सरकार जनवरी 1930 तक भारत को डोमेन का पद नहीं प्रदान करेगी तो   भारत  अपने को पूर्ण स्वतन्त्र घोषित कर देगा । 

समारोह --

गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी  भारतीय राष्ट्रपति के द्वारा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है इसके बाद सामूहिक रूप से राष्ट्रगान होता है ।  गणतंत्र दिवस को पुरे देश में विशेष कर राजधानी दिल्ली में विशेष रूप से मनाया जाता है इस अवसर पर हर साल एक भव्य परेड इण्डिया गेट से राष्ट्रपति के भवन तक  राजपथ नई दिल्ली  में आयोजित जाता है । परेड प्रारम्भ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर पुष्प माला डालते है। इसके बाद शहीद  सैनिको की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा जाता है। 

                                                                                                  जय हिन्द  जय भारत